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लेखनी कहानी -09-Jan-2023 रहस्यमई जंगल में रहस्यमई मौत

सौम्य का चयन RFS में हो गया था और उसकी पहली पोस्टिंग सरिस्का अभ्यारण्य, अलवर में हुई थी । सरिस्का में पहली पोस्टिंग होने से वह बहुत खुश था और उसे तीन साल पहले की वह ट्रिप याद आ गई थी जब वह अपने दोस्तों के साथ इसी जंगल में घूमने के लिए आया था । कितने मजे किये थे उन्होंने इस जंगल में । अब तो वह यहां का अफसर है और सब कुछ उसके ही हाथ में है इसलिए अब ज्यादा मजे किये जा सकते हैं , उसने सोचा । 

अपना बंगला, गाड़ी , नौकर चाकर की व्यवस्था होने के बाद एक दिन उसने अपने खास दोस्त सौरभ को फोन किया 
"कैसा है तू" ? 
"बहुत बढिया । और तू कैसा है " ? 
"एकदम झक्कास । यहां तो मौज हो रही है यार । ऐसा लग रहा है जैसे जन्नत में आ गया हूं" 
"साले, अकेले अकेले जन्नत के आनंद ले रहा है ? शर्म नहीं आते तुझे ? अकेले में जन्नत के क्या आनंद हैं ? हमारे बिना तो तू कहीं मौज कर ही नहीं सकता है । क्यों  सही है ना" ? 
"सही कह रहा है दोस्त ! दोस्तों के बिना तो जन्नत भी कैसी जन्नत ? इसीलिए तो तुझे फोन किया है । पूरी चाण्डाल चौकड़ी लेकर आ जा ना । बड़ा मजा आयेगा यहां" । 
"वो तो ठीक है मगर ..." 
"ये अगर मगर क्या है" ? 
"तू भूल गया कि तीन साल पहले इसी जंगल में एक हादसा हुआ था जिसमें हम सबके अजीज दोस्त राज की जान चली गई थी । बस, वही याद करके कह रहा था" । 
"वो बात तो सही है । मगर ऐसे हादसे तो कहीं भी , किसी के साथ भी हो सकते हैं । ऐसे हादसों से जिंदगी रुक तो नहीं जाती है ना" ? 
"हां, ये बात भी सही है । तो मैं टीना, मुकुल और शान से बात कर लेता हूं और कल तक तुझे बताता हूं । ठीक है ना" ? 
"बिल्कुल ठीक है । कल तेरे फोन का इंतजार करूंगा" । कहकर सौम्य ने फोन रख दिया । उसे तीन साल पहले हुए हादसे की बात याद हो आई । तब पांचों दोस्त सरिस्का अभ्यारण्य में घूमने आये थे और यहां पर खूब मजे किये थे मगर अचानक एक बाघ ने राज पर आक्रमण कर दिया था जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी । उस हादसे के समय वह वहां पर मौजूद नहीं था इसलिए उसने उस हादसे को देखा नहीं था । बस, उसके बारे में बाकी दोस्तों से सुना ही था । पर जो भी हो, हादसा बहुत भयानक था । टाइगर राज को घसीटकर झाड़ियों में ले गया था और उसे जगह जगह से नोंच कर खा गया था । उसके बारे में सोचकर ही उसके रोंगटे खड़े हो गये थे । 

दूसरे दिन सौरभ का फोन आ गया था । सारे दोस्तों ने हां कह दी थी । अगले रविवार को आने का प्रोग्राम बना लिया था उन्होंने । सौम्य ने अपने खास दोस्तों के लिए खास व्यवस्था करने की योजना बना ली थी । पिछली बार जिस जिस कमरे में वे ठहरे थे , उनके लिये वही कमरा रिजर्व करा दिया था । सब दोस्तों की पसंद के हिसाब से खाने की व्यवस्था की गई थी । सफारी के लिए एक खास जिप्सी मंगवा ली गई थी । पिछली बार एक मचान बनवाया गया था जिस पर वह हादसा हुआ था , इस बार भी उसी मचान को फिर से तैयार कर लिया गया था । 

शनिवार की शाम को पूरी मंडली आ गई थी । सौरभ के अलावा टीना, मुकुल और शान सभी लोग आ गये थे । सबको वही पुराने कमरे दे दिए गये थे । राज कमरा नंबर 1 में ठहरा था । उसे खाली छोड़ दिया गया । सौम्य भी अपने कपड़े लेकर कमरा नंबर 6 में आ गया था । 

रात को सबने खाना खाया और गपशप करने के लिए सब लोग सौरभ के कमरे में बैठ गये । शराब के दौर चलने लगे । धीरे धीरे उन पर नशा चढने लगा और वे बहकने लगे । अचानक सौरभ की निगाह खिड़की पर चली गई और डर के मारे उसकी चीख निकल गई तथा उसकी घिग्घी बंध गई । इस तरह से चीखने के कारण सबका ध्यान बरबस उस खिड़की की ओर चला गया । सौम्य को छोड़कर सब लोग चौंक पड़े । खिड़की के बाहर राज दिखाई दिया था । ऐसा कैसे हो सकता है ? राज पर तो तीन साल पहले एक बाघ ने आक्रमण कर उसे मार दिया था । वह अब कैसे दिखाई दे सकता है ? एक बार सबको धोखा हो सकता है मगर टीना को धोखा नहीं हो सकता । वह तो उसकी जिंदगी थी । कितना चाहती थी टीना राज को ! राज भी टीना से कितना प्यार करता था ! दोनों एक दूसरे पर जान छिड़कते थे । टीना राज की शक्ल कैसे भूल सकती थी ? वैसी ही शर्ट, वैसा ही पैंट, वैसी ही हेयरस्टाइल और वैसी ही मुस्कान । टीना को तो राज की हर एक बात , हर अदा याद थी ? फिर राज कैसे दिखाई दे सकता था ? 
इतने में सौम्य ने कहा "राज ! कहां है राज" ? 
सबने एक साथ कहा "वहां । खिड़की के बाहर" 
"पर मुझे तो कोई दिखाई नहीं दे रहा है । बाहर तो केवल पेड़ पौधे और झाड़ियां है, और कुछ नहीं" 
"पर हमें तो वह जाता हुआ दिखाई दे रहा है" 

बड़ा असमंजस पैदा हो गया था । सौम्य को राज दिखाई नहीं दे रहा था मगर सौरभ, मुकुल, शान और टीना को साफ साफ दिखाई दे रहा था । चारों जने डर से थर थर कांपने लगे । इतने में कमरे से बाहर सौम्य को एक गार्ड दिखाई दिया । सौम्य ने कड़क कर गार्ड को कहा "मनोज , तुरंत कमरों के पीछे जाकर देखो कि वहां कौन है ? गो" 
"यस सर" और मनोज तेजी से पीछे की ओर दौड़ गया । वह अब कमरे के पीछे की खिड़की से दिखाई दे रहा था । सौरभ , टीना, मुकुल और शान ने देखा कि मनोज राज के सामने पहुंच गया है और इधर उधर देख रहा है । शायद राज को ढूंढ रहा है । सौम्य को तो केवल मनोज ही दिखाई दे रहा था राज नहीं । चारों लोग चिल्ला चिल्ला कर कह रहे थे "वो तुम्हारे सामने ही है । तुम्हें दिखाई नहीं देता है क्या" ? 
पर मनोज ने शायद न कुछ सुना और न कुछ देखा । थोड़ी देर में वह वापिस आ गया और कहने लगा "वहां तो कोई नहीं है साहब" । 
सौम्य को छोड़कर बाकी लोग हक्के बक्के रह गये । सौम्य मुस्कुरा कर कहने लगा "मैंने तो पहले ही कहा था कि वहां कोई नहीं है मगर मेरी बात किसी ने मानी ? पता नहीं आजकल कोई भूत प्रेतों वाली किताब पढ़ रहे हो क्या सब लोग" ? सब लोग आश्चर्य से एक दूसरे की ओर देखने लगे । उनकी आंखों में अविश्वास के बादल अभी भी उमड़ घुमड़ रहे थे । इतने में सौम्य बोला 
"चलो , अब आराम करो, सुबह टाइगर देखने भी चलना है जंगल में और मचान पर भी बैठकर जंगल का आनंद लेना है" । 
मचान पर बैठने की बात पर बाकी सब लोग चौंके और एक साथ बोल पड़े "मचान पर नहीं बैठेंगे" । 
सौम्य ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा "क्यों नहीं बैठोगे मचान पर ? वहां बैठकर जंगल का दृश्य कितना अच्छा लगता है जैसे स्वर्ग धरती पर उतर आया हो" । सौम्य ने बड़ा शानदार खाका खींचा था । 
"हमें नहीं देखना वहां से । गाड़ी से ही बढिया दिखता है , वहीं से देख लेंगे" मुकुल झल्लाते हुए बोला 
"अरे , इसमें झल्लाने की क्या बात है ? सीधे सीधे क्यों नहीं कहते हो कि डर लगता है । पिछली बार तो मचान पर बैठने के लिए कितने उतावले हो रहे थे ? इस बार क्या नानी मर गई है सबकी" ? 
"हां, मर गई है नानी । तू तो फॉरेस्ट ऑफिसर बन गया इसलिए तुझे इन जंगली जानवरों से डर नहीं लगता है, पर हमें तो लगता है । और तू शायद भूल गया है कि पिछली बार उसी मचान पर वह भयंकर हादसा हुआ था जिसमें राज की जान चली गई थी" 
"टाइगर मचान पर थोड़े ही चढा था । चढे तो हम सब लोग थे" 
"हां, चढे तो हम लोग ही थे और इस बार भी हम लोग ही चढेंगे । पर पिछली बार की तरह इस बार भी किसी ने अगर धक्का मारकर नीचे गिरा दिया तो" ? अचानक शान के मुंह से निकल गया । 

सब लोग हक्के बक्के रह गये । तीर कमान से छूट चुका था । सौम्य ने तुरंत पकड़ लिया । उसने कड़क कर कहा "राज को धक्का किसने मारा था" ? 
वहां पर सागर से भी गहरा सन्नाटा छा गया । सौरभ ने बात संभालने की कोशिश की "शान तो ऐंवई बकता रहता है । इसकी बात पर मत जाना । बुद्धि तो दी नहीं भगवान ने साले को , वैसे ही फांय फांय करता रहता है । अगर इसकी बात मान भी लें तो इसी ने दिया होगा धक्का " 

इन शब्दों को सुनकर शान बिफर पड़ा "ये नीच काम तुम जैसे लोग करते हैं । मैं इस तरह विश्वासघात नहीं करता हूं" । अब तो सारी पिक्चर क्लीयर हो गई थी । सब लोग हतप्रभ होकर एक दूसरे को देखने लगे । 
इतने में पुलिस के साथ इंस्पेक्टर अंदर आ गया और सबकी ओर देखकर बोला "डोन्ट मूव।  यू आर अंडर अरेस्ट" । 

पिन ड्रॉप साइलेंस व्याप्त हो गया था वहां पर । तीन साल से जिस गुनाह को छिपाया जा रहा था वह आज आखिर खुल ही गया । राज की मौत का राज अब राज कहां रहा था । वह तो एक सोची समझी हत्या थी जिसे हादसे में बदल दिया गया था । पुलिस इंस्पेक्टर त्रिपाठी बोला 
"सौम्य सर, आपने तो कमाल कर दिया । क्या दिमाग पाया है आपने । जेम्स बॉण्ड से भी तेज दिमाग है आपका । आखिर में हत्यारों को पकड़ा ही दिया आपने । वैल डन सर । एक बात बताइए, आपको इस हादसे पर पहली बार कब शक हुआ" ? 
"जब मेरी पोस्टिंग यहां हुई तो एक दिन मैं एक गार्ड के साथ बैठा हुआ था । तब मैंने उस गार्ड से उस घटना का जिक्र यूं ही कर दिया था कि ऐसा सुना है कि ऐसा कोई हादसा हुआ है जिसमें एक बाघ ने किसी पर्यटक को मार दिया था । इस बात पर वह गार्ड जोर से हंसा और कहने लगा कि वह कोई हादसा नहीं था बल्कि सोची समझी हत्या थी । तब मैंने उसकी बात को सीरियसली नहीं लिया था लेकिन मेरे मन में खलबली जरूर मच गई थी । तब मैंने एक एक कर सभी गार्डों से पूछताछ की । उस झाड़ी की तलाश की जहां टाइगर राज को लेकर गया था । एक दिन उस झाड़ी के पास जाकर इधर उधर कुछ ढूंढा तो राज का मोबाइल मिल गया था । उसमें टीना और सौरभ का एक ऐसा फोटो मिल गया जिसमें वे दोनों एक दूसरे को "किस" कर रहे थे । उस फोटो से सब समझ में आ गया । टीना और राज की रिलेशनशिप तो हम सबको पता थी ही लेकिन टीना सौरभ के साथ भी फ्लर्ट कर रही थी, यह कोई नहीं जानता था । पिछली बार जब हम यहां आये थे तब एक रात को टीना और सौरभ गैलेरी में किस रहे थे तब अचानक से राज वहां आ गया था और उसने वह दृश्य देख लिया था । तब उसका दिल टूट गया होगा । मगर वह अपने कमरे में गया और मोबाइल लेकर आया । फिर उसने वह पिक ली । इसी बीच टीना या सौरभ ने उसे पिक लेते हुए देख लिया था जिससे वे दोनों बुरी तरह घबरा गये होंगे और फिर उन्होंने ऐसा षड्यंत्र रच दिया" 
"मैं तब बहुत घबरा गई थी और मुझे लगा कि अब राज मुझसे अलग हो जायेगा इसलिए सौरभ से कहा कि वह राज की गलतफहमी दूर करने का कोई उपाय करे । मुझे नहीं पता था कि सौरभ उसे अपने रास्ते से हटाने का षडयंत्र रच रहा है । वो तो जब उस दिन पता चला कि राज एक हादसे में मारा गया था तब मैं बहुत अपसेट हो गई थी । मैं तो आज तक मुगालते में ही रही थी कि राज की मृत्यु एक दुर्घटना में हुई थी लेकिन आज सारा भाण्डा ही फूट गया" । उसने आग्नेय नेत्रों से सौरभ की ओर देखा । 

"उसके बाद सौरभ ने प्लान बनाया कि मुकुल और शान के को इस बात के लिए तैयार करे कि वे राज को लेकर मचान पर जाये । वहां पर सौरभ पहले से मौजूद रहेगा । टाइगर दिखाने के बहाने राज को मचान के किनारे लाना था फिर उसे धक्का देकर नीचे गिराना था । बाकी का काम टाइगर को करना था, जी उसने कर दिया" । सौम्य ने अपनी बात खत्म की । 

"तभी ये दोनों दुष्ट मुझे उस दिन जल्दी जगाकर इस घने जंगल में ले आये थे । मुझे तो इस षड्यंत्र की भनक तक नहीं थी नहीं तो मैं उस दिन मचान पर आता ही नहीं"। शान अपने हाथों  की मठ्ठियां कसते हुए और उन्हें सौरभ और मुकुल की ओर तानते हुए कहने लगा "लानत है तुम्हारे जैसे दोस्तों पर जो दोस्ती की आड़ में दगा करते हैं । अगर दोस्त ऐसे हो तो फिर दुश्मनों की जरूरतही क्या है" ? शान चिल्ला कर बोला । 
"सभी दोस्तों का यह दौरा रखवाया ही इसलिए था कि इस दौरे में वह राज खुल जाये जो पिछले तीन सालों से राज ही बना हुआ था" । सौम्य आगे बताते हुए कहने लगा ।

"इसके लिए मैंने सबसे पहले सारे कमरों में सीसीटीवी और गुप्त माइक लगवा दिये थे जिससे इनकी सारी कारगुजारियां पता चलती रहें । इसके अलावा राज का भूत बनाने के लिए एक गार्ड को राज के कपड़े पहनाए और एक मुखौटा भी लाकर उसे लगाना पड़ा । गार्ड को इस खेल में शामिल करना पड़ा और पुलिस की मदद लेनी पड़ी तब जाकर यह भेद खुल सका" । सौम्य के चेहरे पर प्रसन्नता थी मगर अपने मित्र राज के साथ हुए विश्वासघात का दुख था । 
इंस्पेक्टर ने चारों को गिरफ्तार कर लिया । 

श्री हरि 
9.1.2023


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13 Comments

Anjali korde

21-Jul-2023 11:24 AM

Very nice

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Satvinder Singh

04-Feb-2023 09:09 PM

बहुत सुंदर और रोमांचक कहानी

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Hari Shanker Goyal "Hari"

05-Feb-2023 02:33 AM

बहुत बहुत आभार आदरणीय

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Nice 👍🏼

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Hari Shanker Goyal "Hari"

05-Feb-2023 02:33 AM

बहुत बहुत आभार आदरणीय

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